सामाजिक- शैक्षणिक और आर्थिक- भौतिक दृष्टि से अत्यन्त पिछडे़ इस महराजगंज क्षेत्र से मेरा गहन भावनात्मक लगाव किसी से छुपा नही है। अपनी भावनात्मक सलंग्गनता के कारण ही अपने व्यापक सावजनिक सामाजिक-राजनितिक जीवनकी रचनात्मक गतिविधियों और सक्रियताओं के लिये मैंने इस अचंल का चयन किया था। सास्ंकृतिक दृष्टि से अत्यधिक समुद्व यह क्षेत्र अपेक्षित विकास और प्रगति की उपलब्धियों से प्रायः वंचित रहा है। सम्पूर्ण विश्व को आचरण, अहिसा और शांति का मांगलिक संदेश देने वाला महात्मा गौतम बुद्व का यह पावन अंचल शताब्दियो से उपेक्षित रहा है। इस उपेक्षा और संचना गहन बोध मेरे लिए प्रबल प्रेरणा का काम करना रहा है ओर कहना आवश्यक नही कि अपनी शक्ति और सार्मथ्य का सर्वश्रेष्ट अर्पित कर देने के मेरे संकल्प के पीछे यही बोध सक्रिय रहा है। मेरा व्यक्तिगत अनुभव है तिक ज्ञान की ज्योति ही एक माध्यम है, जिससे इस क्षेत्र के गहन तिमिर को दूर कर प्रकाश युक्त किया जा सकता है। इसी को ध्यान में रखते हुये क्षेत्र में एल0के0जी से यू0के0जी0 की शिक्षा एंव व्यावसायिक शिक्षा प्रदत्त करने की के क्रम मे माडर्न एकेडमी,राजीव गांधी स्नातकोत्तर महाविधालय, नौतनवां राजीव गांधी कालेज ऑफ फार्मेसी नौतनवां और राजीव राजीव गांधी शिक्षा महाविधालय पैसिया,लक्ष्मीपुर आदि शैक्षणिक संस्थाएं स्थापित की जा चुकी है, और इस प्रकार प्रथमतः प्रारम्भिक शिक्षा के बाद मे उच्च शिक्षा से वंचित रह जाने वाले इस अंचल की ऊर्जावान संभावनाशील पीढ़ी के लिये अनेकानेक नवीनतम विधाओं से परिपूर्ण उच्च शैक्षणिक संस्थाओं का मेरा सपना साकार हुआ है। इस सस्ंथाओं में राजीव गांधी शिक्षा महाविधालय, पैसिया,लक्ष्मीपुर का महत्व इस दृष्टिकोण से और भी बढ जाता है कि यहाँ एक साथ स्नातक स्तर पर कला,विज्ञान एंव वाणिज्य की शिक्षा के साथ-साथ वर्तमान मे सर्वाधिक उपयोगी शिक्षा अध्यापक उपयोीग शिक्षा (बी.एड्.) का प्रशिक्षण सुचारू रूप से हो रहा है। महाविधालय का बी. एड्. विभाग मेरे मानस् के अनुरूप ही अध्यापक शिक्षा मे सर्वोत्कृष्टता के प्रति समर्पित दिख रहा है। जहाँ से प्रशिक्षित होकर लोग समाज के मार्गदर्शन में अपनी भूमिका तय करेंगे। हमेशा- हमेशा के लिये समाप्त करने हेतु अच्छे अध्यापक को तैयार करना होगा। इस अचंल के शैक्षणिक- बौद्विक विकास के लिये मैने यह जो सुजनात्मक अभियान चलाया है, उसे आपकी मंगल- कामना और स्नेह की अपेक्षा है। आप उत्साहवर्धन करे,परामर्श दे, सहयोग करे तो निश्चय की एक स्वस्थ्य गंतव्य तक पहुँच सकेगें।